
परिचय: जब विकेटकीपिंग एक कला थी, और जैक रसेल उसका कलाकार
क्रिकेट की दुनिया में ऐसे बहुत से खिलाड़ी हुए हैं जिनके आंकड़े कम लेकिन कहानियाँ बड़ी रही हैं। इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर जैक रसेल (Jack Russell) इन्हीं में से एक हैं। उनके करियर में रिकॉर्ड भले ही कई दिग्गजों से कम हों, लेकिन उनका अंदाज़, आदतें और खेल के प्रति जुनून उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे अनोखे किरदारों में शुमार करता है।
आज जब भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज़ में जैमी स्मिथ की विकेटकीपिंग चर्चा का विषय बनी, तो ज़ेहन में अचानक जैक रसेल की यादें ताज़ा हो गईं। आइए जानते हैं उस खिलाड़ी की कहानी जिसे इंग्लिश टीम में जगह नहीं मिलती थी लेकिन वर्ल्ड इलेवन में पहली पसंद होता था।
1. डेब्यू टेस्ट में हीरो बने, फिर भी हाशिये पर रहे
साल 1996, लॉर्ड्स का ऐतिहासिक मैदान। भारत के लिए यह मैच खास था क्योंकि दो दिग्गज – सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ – ने इसी टेस्ट में डेब्यू किया। गांगुली ने शतक जड़ा, द्रविड़ 95 पर आउट हुए। लेकिन इस मैच का मैन ऑफ द मैच बना इंग्लैंड का विकेटकीपर जैक रसेल, जिसने बेहतरीन विकेटकीपिंग के साथ एक शानदार शतक भी लगाया।
2. विकेटकीपिंग में एलन नॉट का शागिर्द और डीन जोंस की स्टंपिंग का मास्टरक्लास
रसेल को क्रिकेट का तकनीकी कीपर माना जाता था। एलन नॉट जैसे दिग्गज के शागिर्द रहे रसेल की स्टंपिंग और कैचिंग स्किल्स का जवाब नहीं था।
एशेज सीरीज़ में उन्होंने डीन जोंस को जो स्टंप किया, वो अब भी यूट्यूब पर सबसे फुर्तीले स्टंपिंग में गिना जाता है। 130 किमी/घंटा की स्पीड से गेंदबाजी कर रहे थे ग्लैडस्टोन स्मॉल, और रसेल स्टंप्स से चिपक कर गेंद पकड़ रहे थे।
3. एलेक स्टीवर्ट बनाम जैक रसेल: कीपर की राजनीति
जैक रसेल एक बेहतर विकेटकीपर थे लेकिन उन्हें टीम में जगह कम मिलती थी क्योंकि एलेक स्टीवर्ट बेहतर बल्लेबाज़ माने जाते थे।
विजडन (Wisden) ने एक बार लिखा था –
“जैक रसेल इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाता, लेकिन वो वर्ल्ड इलेवन का पहला कीपर होगा।”
इस एक पंक्ति ने उस विडंबना को दर्शाया जो रसेल के करियर के साथ जुड़ी रही।
4. सनकी लेकिन अनुशासित: आदतें जो जैक को खास बनाती हैं
• एक ही हैट:
जैक रसेल हमेशा एक ही हैट पहनते थे, यहाँ तक कि इंग्लैंड की आधिकारिक कैप भी नहीं पहनते। जब उनका हैट गीला हुआ, तो उसे ओवन में सुखाने की कोशिश की, जिससे वो थोड़ा जल भी गया – लेकिन रसेल ने हैट नहीं बदला।
• सिर्फ दो जोड़ी दस्ताने:
आज के दौर में कीपर हर मैच में ग्लव्स बदलते हैं, पर रसेल ने पूरे करियर में सिर्फ दो जोड़ी दस्ताने इस्तेमाल किए। खुद ही सिलते, सुधारते और यहां तक कि साथियों के दस्ताने भी मरम्मत कर देते।
• चाय और बिस्किट का जुनून:
एक दिन में बीस कप चाय और हर बार वही पुराना टी बैग! जैक रसेल एक टी बैग को 5 दिन चलाते थे और चाय बनाने के बाद उसे हेंगर पर सुखा देते।
लंच में सिर्फ दो बिस्किट, वो भी ठंडे दूध में 15 मिनट डुबोकर – एक मिनट कम या ज़्यादा नहीं।
• खाने में भी आदर्शवाद:
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच दिन लगातार एक ही चाइनीज़ रेस्तरां से कैश्यू चिकन बिना कैश्यू के खाना – यह आदत भी रसेल को ‘क्रिकेट का सन्यासी’ बना देती थी।
5. कलाकार भी था विकेटकीपर
जैक रसेल एक बेहतरीन चित्रकार भी हैं। पाकिस्तान दौरे पर जब उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली, तो उन्होंने समय पेंटिंग में लगाया।
रिटायरमेंट के बाद उन्होंने आर्ट गैलरी खोली और आज भी विकेटकीपिंग और फुटबॉल गोलकीपिंग कोचिंग देते हैं।
6. निजी जीवन: ना पार्टी, ना मेहमान, ना दोस्त
रसेल ना कभी पार्टी में जाते थे, ना किसी को बुलाते थे। उनके घर कहाँ है – ये तक साथी खिलाड़ियों को नहीं पता था। शायद यही उनकी एकाग्रता और समर्पण का मूल था – क्रिकेट और सिर्फ क्रिकेट।
7. 1996 वर्ल्ड कप: हैट विवाद और जयसूर्या की स्टंपिंग
1996 वर्ल्ड कप में इंग्लिश बोर्ड ने नियमों में ढील दी ताकि जैक रसेल अपना वही पुराना हैट पहन सकें – बस लोगो सिलवाकर।
इसी वर्ल्ड कप में श्रीलंका से हार के दौरान सनथ जयसूर्या को जिस तरह से स्टंप किया – वो रसेल की क्लासिक स्टाइल की मिसाल था।
निष्कर्ष: जैक रसेल – जिसकी कहानियाँ खिलाड़ी से बड़ी हैं
आज के दौर में जब क्रिकेट केवल आंकड़ों, ब्रांड एंबेसडर और सोशल मीडिया की चमक पर टिका है, जैक रसेल जैसे खिलाड़ी हमें याद दिलाते हैं कि खेल सिर्फ स्कोर नहीं, एक व्यक्तित्व होता है।
जैक रसेल भले ही ज्यादा टेस्ट न खेले हों, लेकिन उन्होंने जो खेला, उसका असर पीढ़ियों तक महसूस किया जाएगा। सनकी कहो या परफेक्शनिस्ट – जैक रसेल क्रिकेट का वो किरदार हैं, जिनके बिना इस खेल की आत्मा अधूरी लगती है।
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