
जब ‘नकली राफेल’ बना पाकिस्तान का सिरदर्द
हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है जिसने भारत-पाक हवाई संघर्ष की दिशा और रणनीति दोनों को नए सिरे से परिभाषित किया है। लंबे समय से सवाल उठते रहे कि भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों से कैसे अपने दुश्मनों को शांत रखा, जबकि पाकिस्तान लगातार दावा करता रहा कि उसने कई राफेल विमानों को गिराया है। अब अमेरिका के एक पूर्व फाइटर पायलट ने उस राज से पर्दा उठा दिया है, जिसने पूरी कहानी ही बदल दी।
यह कहानी है “X-Guard डिकॉय सिस्टम” की — एक ऐसा नकली राफेल, जो असली से कम नहीं लगता, लेकिन असल में सिर्फ दुश्मन को भ्रम में डालने के लिए बनाया गया है।
क्या है X-Guard डिकॉय सिस्टम?
• भारतीय वायुसेना ने गुपचुप तरीके से देसाल्ट एविएशन से न सिर्फ असली राफेल फाइटर जेट खरीदे, बल्कि उसके साथ कुछ और खास चीज़ें भी लीं – जिनमें से एक थी X-Guard Decoy System।
• यह डिकॉय सिस्टम एक AI-आधारित हल्का उपकरण है जिसका वजन लगभग 30 किलोग्राम होता है और इसे राफेल की तरह हूबहू डिज़ाइन किया गया है।
• X-Guard राफेल के पीछे 100 मीटर लंबे फाइबर-ऑप्टिक वायर से जुड़ा होता है और 500 वॉट का 360 डिग्री जैमिंग सिग्नल छोड़ता है।
कैसे करता है यह दुश्मन को भ्रमित?
• X-Guard से निकलने वाले सिग्नल दुश्मन के रडार और मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम को असली राफेल का भ्रम देते हैं।
• इसमें डॉपलर इफेक्ट, रडार इमिशन, और AI तकनीक का प्रयोग होता है, जिससे यह पूरी तरह से एक असली फाइटर जेट की तरह नजर आता है।
• अमेरिका के पूर्व F-16 पायलट रयान बोडनहाइमर ने इस तकनीक को “आधुनिक हवाई युद्ध में क्रांति” बताया है।
ऑपरेशन सिंदूर: जब पाकिस्तान के मिसाइल चले ‘खिलौनों’ पर
भारत ने पहली बार X-Guard डिकॉय सिस्टम का इस्तेमाल “ऑपरेशन सिंदूर” में किया।
पाकिस्तानी सेना ने इसे राफेल समझकर उस पर कई मिसाइलें दागीं और दावा किया कि उन्होंने 6 राफेल मार गिराए हैं। लेकिन हकीकत में वे सिर्फ नकली थे — डिकॉय।
जब बाद में पत्रकारों ने पाकिस्तान से सबूत मांगे तो जवाब मिला:
“सब कुछ सोशल मीडिया पर है, हमारे पास सबूत नहीं हैं।”
भारत सरकार क्यों रही चुप?
• इस पूरे अभियान पर भारत सरकार ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
• इसकी एक बड़ी वजह थी कि भारत इस रणनीतिक हथियार को गोपनीय रखना चाहता था ताकि भविष्य के संघर्षों में दुश्मन सतर्क न हो जाए।
• यह रणनीतिक चुप्पी, आज समझ में आती है — यह एक रक्षा कूटनीति का हिस्सा थी।
तकनीकी खराबी और भ्रम
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि एक राफेल में तकनीकी खराबी आई थी। लेकिन रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इसका ऑपरेशन सिंदूर या डिकॉय सिस्टम से कोई लेना-देना नहीं था। यह सिर्फ एक सामान्य तकनीकी गड़बड़ी थी, जो किसी भी हाई-टेक मशीन में संभव है।
डिकॉय सिस्टम: भविष्य के युद्ध की नई रणनीति
• X-Guard जैसे डिकॉय सिस्टम से यह सिद्ध होता है कि अब युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं, तकनीकी चातुर्य और रणनीतिक सोच से जीते जाएंगे।
• भारत ने दिखा दिया है कि कैसे कम लागत (कुछ हजार डॉलर) के साधनों से दुश्मन को करोड़ों की क्षति पहुँचाई जा सकती है — वो भी बिना एक भी असली राफेल खोए।
भारत की चुप्पी में छिपी थी रणनीतिक जीत
भारत ने बिना शोर किए एक ऐसा चक्रव्यूह रचा जिसमें पाकिस्तान खुद ही फंसता चला गया।
डिकॉय राफेल की यह रणनीति अब न केवल हवाई युद्ध की किताबों में जगह बनाएगी, बल्कि यह भविष्य के सभी आधुनिक युद्धों की रणनीति का हिस्सा बनेगी।
भारत ने तकनीक और चतुराई से युद्ध में एक नया अध्याय लिखा है — और यह साबित कर दिया है कि असली ताकत सिर्फ हथियारों में नहीं, बल्कि दिमाग में होती है।
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