
जब पृथ्वी ने ब्रह्मांड को पुकारा
कल्पना कीजिए एक नन्हा यान, जो पृथ्वी से अरबों किलोमीटर दूर, अज्ञात और नीरव अंतरिक्ष में तैर रहा है। न उसमें कोई यात्री है, न कोई लक्ष्य… फिर भी वह एक संदेशवाहक है। मानवता का संदेश लेकर वह अंतरिक्ष की अथाह शून्यता में गूंज रहा है।
1977 में नासा द्वारा प्रक्षेपित वॉयेजर प्रथम यान में एक स्वर्णिम डिस्क छोड़ी गई थी… Voyager Golden Record। यह एक तरह का “बोतल में बंद सन्देश” था, जिसे अगर कभी कोई एलियन सभ्यता पा ले, तो वह समझ सके कि इस ब्रह्मांड में एक बार ‘मनुष्य’ नाम की संवेदनशील, जिज्ञासु और रचनाशील प्रजाति भी रहती थी।
इस डिस्क में तस्वीरें थीं, भाषाओं में संदेश थे, एक नक्शा था… और कुल 27 संगीत रचनाएँ थीं। जो दुनिया की अलग-अलग संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करती थीं।
लेकिन उनमें से एक गाना ऐसा था, जो किसी भी भाषा, किसी भी यंत्र, किसी भी शैली में नहीं आता।
एक ऐसा गीत, जिसमें न तो कोई बोल हैं, न ही कोई बड़ा ऑर्केस्ट्रा।
बस एक गिटार… और एक गुनगुनाहट।
उस गाने का नाम था:
Dark Was The Night, Cold Was The Ground
और इसके रचयिता थे:
ब्लाइंड विली जॉनसन (Blind Willie Johnson)
अंधेपन की पीड़ा से अमरता की धुन तक: विली जॉनसन की अनसुनी कहानी
कहानी शुरू होती है अमेरिका के टेक्सास में जन्मे एक अश्वेत लड़के से—विली जॉनसन। सात वर्ष की उम्र में उसकी सौतेली माँ ने लड़ाई के दौरान उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। उस एक पल ने विली से उसकी आँखों की रौशनी छीन ली… हमेशा के लिए।
पर ईश्वर ने उससे दृष्टि छीनी, लेकिन आत्मा में संगीत भर दिया।
उसने गिटार उठाया, और सड़कों पर, चर्चों के बाहर, भीड़भाड़ वाले बाज़ारों में गाना शुरू किया। उसके गीतों में केवल संगीत नहीं, आत्मा की कराह थी। दुःख की ऐसी गूंज, जिसे शब्दों की ज़रूरत नहीं थी।
“Dark Was The Night…” उसका सबसे मशहूर गीत बना। एक ऐसा गीत जो दुख की भाषा बन गया।
बिना शब्दों के दर्द: गाना, जो इंसानी आत्मा की परछाईं बन गया
यह गीत एक अलग ही दुनिया से आता है। इसमें कोई स्पष्ट बोल नहीं हैं, बस विली की गहराई से निकली हुई गुनगुनाहट है। मानों किसी अंधे और भूखे आदमी की प्रार्थना हो, जो सर्द रात में एक सूनी सड़क के किनारे बैठा हो।
गीत का नाम बाइबिल के एक प्रसंग से लिया गया है। जब ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाने की तैयारी हो रही थी, और अंधेरा छा गया था।
टिमोथी फेरिस, जो नासा के लिए वॉयेजर रिकॉर्ड की सामग्री चुनने वाली टीम का हिस्सा थे, जब इस गीत को सुनते हैं, तो कहते हैं:
“यह गीत मानवता की आत्मा की गहराई में छिपी हुई वह पुकार है, जो शब्दों में नहीं बंध सकती। यह गाना उस समय का प्रतिनिधित्व करता है, जब इंसान के पास भाषा नहीं थी, बस अकेलापन था और खुले आसमान के नीचे इंतज़ार।”
अंतरिक्ष में बहता एकाकीपन: 24 अरब किलोमीटर दूर मानवता की आवाज़
आज वॉयेजर-1 अंतरिक्ष यान पृथ्वी से 24 अरब किलोमीटर दूर है। वह सौरमंडल से बाहर निकल चुका है। पर उसके भीतर वह डिस्क अब भी मौजूद है… गोल्डन रिकॉर्ड। जिसमें यह गीत भी दर्ज है।
कल्पना कीजिए…
कोई एलियन सभ्यता, करोड़ों साल बाद इस यान को ढूंढ निकालती है।
वह डिस्क को चलाती है… और सुनाई देता है… एक अकेले इंसान की दर्द भरी गुनगुनाहट।
जिसमें ना भाषा है, ना शब्द… पर फिर भी हर जीवित आत्मा को छू लेने वाली एक सार्वभौमिक करुणा है।
क्या पता, उस क्षण उस एलियन को हमारी सभ्यता से पहला परिचय किसी भाषण, किसी वैज्ञानिक सिद्धांत या किसी युद्ध से नहीं, बल्कि विली जॉनसन के गिटार और गुनगुनाहट से हो?
एक अंत, जो अमरता की शुरुआत था
विली की जिंदगी बेहद तकलीफों भरी रही। जीवनभर वह गरीबी से जूझते रहे। एक दिन उनका घर आग में जल गया। उनके पास न कोई मदद करने वाला था, न आश्रय। वह उसी जले हुए घर के गीले मलबे पर अख़बार बिछा कर सोते थे।
इन्हीं हालातों में उन्हें निमोनिया हुआ।
पर नस्लभेद के उस दौर में कोई अस्पताल उन्हें भर्ती करने को तैयार नहीं हुआ… क्योंकि वे अश्वेत थे।
और फिर एक दिन विली चले गए… चुपचाप… जैसे उनका गीत… बिना शोर, बिना बोल।
लेकिन देखिए नियति का न्याय… वह इंसान जो अपनी अंतिम साँस तक धरती पर उपेक्षित रहा, उसका गीत आज ब्रह्मांड में अमर है।
संगीत, जो समय और अंतरिक्ष को लांघ गया
विली जॉनसन की कहानी कोई सिर्फ़ एक कलाकार की कहानी नहीं है, यह मानवता की कहानी है।
यह उस आत्मा की पुकार है, जो चाहती है कि कोई सुने, कोई समझे, कोई जवाब दे।
“Dark Was The Night, Cold Was The Ground” अब सिर्फ एक ब्लूज़ ट्रैक नहीं, बल्कि पृथ्वी का अंतिम गीत है… जो अंतरिक्ष की अनंतता में तैर रहा है, हमारी ओर से एक गवाह बनकर।
शायद यही संगीत, एक दिन, हमसे ज़्यादा जीवन पा जाएगा।