
ईरान और इज़राइल के बीच छिड़े युद्ध में अब एक नया मोड़ आ गया है। रूस ने पहली बार खुलकर ईरान का समर्थन करते हुए चेतावनी दी है कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या होती है, तो इसका अंजाम बेहद गंभीर और “बहुत नकारात्मक” होगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने साफ कहा है कि यह एक “पेंडोरा बॉक्स” खोल देगा — यानी एक ऐसी स्थिति, जहां से निकलना पूरी दुनिया के लिए मुश्किल हो सकता है।
👉 क्या रूस ने अमेरिका और इजरायल को चेतावनी दी है?
हालांकि रूस का यह बयान “राजनयिक” प्रतीत हो सकता है, पर असल में यह एक सीधी धमकी है। रूस न केवल ईरान को शरण दे रहा है, बल्कि अब खुलकर उसे रणनीतिक समर्थन भी देने को तैयार दिख रहा है। यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका ने अब तक इजरायल को संयम बरतने की सलाह देने के बाद अचानक अपनी चुप्पी तोड़ी और खामेनेई को निशाना बनाने के लिए ‘ग्रीन सिग्नल’ दे दिया है।
🌐 इंटरनेट बंद, सच्चाई छिपी हुई
ईरान ने युद्ध शुरू होते ही देशभर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। इसका मुख्य कारण था — खामेनेई की लोकेशन को छिपाना। लेकिन इसका दूसरा प्रभाव यह हुआ कि दुनिया को ईरान के भीतर मची भीषण तबाही की असली तस्वीरें नहीं दिख रही हैं।
इज़राइल की मिसाइलें तेल अवीव और यरुशलम की ओर आती ईरानी मिसाइलों को जवाब देते हुए ईरान के वैज्ञानिकों, सैन्य अधिकारियों और ठिकानों को बेहद सटीकता से निशाना बना रही हैं।
🛑 खामेनेई ने घोषित किए उत्तराधिकारी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अयातुल्ला खामेनेई ने अपने तीन संभावित उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिए हैं — जिससे ये संकेत मिलता है कि वह स्वयं को अत्यधिक खतरे में मान रहे हैं। यह घोषणा युद्ध के गंभीर होते हालात की पुष्टि करती है।
✈️ बी-2 बॉम्बर की तैनाती: निर्णायक हमला?
इस पूरी स्थिति में सबसे डरावनी खबर है — अमेरिका द्वारा बी-2 स्टील्थ बॉम्बर को मध्य-पूर्व की ओर रवाना करना। ये वही अत्याधुनिक विमान है जो ईरान के परमाणु ठिकाने फोर्डो (Fordow Nuclear Facility) को तहस-नहस करने की क्षमता रखता है।
यदि फोर्डो पर हमला होता है, तो यह दो ही संभावनाएं बनाता है:
युद्ध का अंत — ईरान अगर टूट जाता है। तीसरा विश्व युद्ध — यदि रूस और अन्य सहयोगी देश हस्तक्षेप करते हैं।
🌍 निष्कर्ष: दुनिया एक नाज़ुक मोड़ पर खड़ी है
रूस, अमेरिका, ईरान और इज़राइल के बीच के इस टकराव में अब सिर्फ बयान नहीं, रणनीतिक कदमों की गूंज सुनाई दे रही है। खामेनेई की हत्या की संभावना, रूस की खुली चेतावनी और अमेरिका का निर्णायक रवैया — यह सब मिलकर संकेत दे रहे हैं कि हम एक ऐसे संकट के मुहाने पर खड़े हैं, जहां से वापसी मुश्किल हो सकती है।
यह सिर्फ ईरान-इजरायल युद्ध नहीं है, यह भविष्य की वैश्विक स्थिरता का प्रश्न बन चुका है।
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