
27 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई अजय देवगन फ़िल्म्स की नई हॉरर-थ्रिलर फिल्म ‘मां’, दर्शकों के बीच शैतान यूनिवर्स को आगे बढ़ाने का दावा लेकर आई है। फिल्म में काजोल एक दमदार मां के रोल में हैं जो अपनी बेटी को शैतानी ताकतों से बचाने के लिए मां काली की शक्तियों का सहारा लेती हैं। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ होते ही दर्शकों के बीच खासा उत्साह देखा गया था, लेकिन क्या फिल्म उस उम्मीद पर खरी उतरती है? आइए जानते हैं।
🌑 कहानी की शुरुआत: एक गांव, एक बलि और एक दैत्य
फिल्म की कहानी शुरू होती है चंदरपुर नाम के एक गांव से, जो पश्चिम बंगाल में स्थित है। 40 साल पहले एक धनी परिवार की बहू जुड़वां बच्चों को जन्म देती है—एक बेटा और एक बेटी। बेटी के जन्म पर परिवार नाराज़ हो जाता है और उसे एक दैत्य को शांत करने के लिए बलि चढ़ा दी जाती है। यह दैत्य गांव के पीछे खंडहर में मौजूद एक पुराने पेड़ में रहता है।
इसके बाद कहानी 40 साल आगे बढ़ती है, जहां उस बेटे शुभांकर (इंद्रनील सेनगुप्ता) की शादी अंबिका (काजोल) से हो चुकी है और उनकी एक 12 साल की बेटी श्वेता (खेरिन शर्मा) है। शुभांकर अब कोलकाता में रहता है और उसने अपने गांव और परिवार से अपनी बेटी के बारे में सच छिपा रखा है। लेकिन हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि अंबिका और श्वेता को चंदरपुर जाना पड़ता है।
🧟♀️ जब शैतान करता है अटैक, मां बनती है काली
चंदरपुर पहुंचने पर श्वेता को वही दैत्य उठा लेता है। तब अंबिका अपनी बेटी को बचाने के लिए मां काली की शरण लेती है। वह शक्ति, साहस और भक्ति के सहारे एक माँ से मां काली के अवतार में बदल जाती है।
🎬 कैसी है फिल्म ‘मां’?
➕ प्लस पॉइंट्स:
• काजोल की दमदार परफॉर्मेंस: उन्होंने फिर से साबित किया है कि अगर स्क्रिप्ट में जान हो तो वो परदे पर आग लगा सकती हैं।
• रोनित रॉय का सरप्राइज़ एलीमेंट: उनका किरदार छोटा लेकिन प्रभावशाली है, हालांकि काफी हद तक प्रिडिक्टेबल भी है।
• क्लाइमैक्स में थ्रिल: दूसरे हाफ़ में फिल्म थोड़ा स्पीड पकड़ती है और कुछ सीन सच में दिल की धड़कनें बढ़ा देते हैं।
➖ माइनस पॉइंट्स:
• कमज़ोर स्क्रीनप्ले और कहानी: फिल्म की स्क्रिप्ट में दम नहीं है। फर्स्ट हाफ बहुत स्लो है और बैकस्टोरी को ज़बरदस्ती खींचा गया है।
• अनावश्यक दृश्य: क्लाइमैक्स में डाला गया एक अजीब सीन दर्शकों को उलझा देता है।
• डायलॉग डिलीवरी: श्वेता का किरदार निभा रही खेरिन शर्मा की आवाज़ और डायलॉग डिलीवरी कई दर्शकों को खटक सकती है।
👻 ‘मां’ बनाम ‘शैतान’: कौन बेहतर?
‘शैतान’ (2024) एक थ्रिलिंग हॉरर अनुभव था जिसमें आर. माधवन, अजय देवगन और ज्योतिका जैसे सितारों ने कमाल का काम किया था। उसके मुकाबले ‘मां’ का ट्रीटमेंट और विजन थोड़ा कमजोर लगता है। निर्देशक विशाल फुरिया इस यूनिवर्स को आगे बढ़ाने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन स्टोरी टेलिंग में वह कसावट नहीं ला पाए जो ‘शैतान’ में दिखी थी।
🎵 संगीत और तकनीकी पहलू
फिल्म का म्यूज़िक औसत है। बैकग्राउंड स्कोर कुछ जगहों पर प्रभावशाली है, लेकिन गाने यादगार नहीं हैं। विजुअल इफेक्ट्स में थोड़ी और मेहनत की जा सकती थी, खासकर दैत्य से जुड़े सीन में।
📊 Final Verdict: देखे या ना देखे?
रेटिंग: ⭐⭐⭐️(3/5)
‘मां’ एक कोशिश है महिला सशक्तिकरण और धार्मिक ताकतों को जोड़कर एक भावनात्मक हॉरर ड्रामा पेश करने की, लेकिन फिल्म की कमजोर कहानी और असमान स्क्रीनप्ले इसका प्रभाव कम कर देते हैं। अगर आप काजोल के फैन हैं या शैतान यूनिवर्स में दिलचस्पी रखते हैं, तो एक बार देख सकते हैं—but don’t expect too much.