
“Midnight Hammer” की गूंज, और पीछे छुपी Operation Eagle Claw की एक दर्दनाक कहानी…
अमेरिका और ईरान की दुश्मनी आज की बात नहीं है। यह दुश्मनी इतिहास में गहरे जड़ें जमाए बैठी है। जब भी अमेरिका ईरान को घेरने निकलता है, तो कहीं न कहीं 1980 की वो रात ज़रूर याद आती है, जब अमेरिकी डेल्टा फोर्स ने एक बेहद बोल्ड लेकिन नाकाम ऑपरेशन को अंजाम देने की कोशिश की—ऑपरेशन ईगल क्लॉ (Operation Eagle Claw)।
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🎯 ऑपरेशन की शुरुआत –
24 अप्रैल 1980, ईरान की राजधानी तेहरान में कट्टरपंथी इस्लामी गुटों ने अमेरिकी दूतावास पर धावा बोला और 52 अमेरिकी राजनयिकों व स्टाफ को बंधक बना लिया। यह घटना अमेरिका के लिए एक सीधा अपमान था।
उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की ठानी। आदेश दिया गया – एक टॉप सीक्रेट रेस्क्यू मिशन चलाया जाए, और इसके लिए चुनी गई अमेरिका की सबसे घातक यूनिट – डेल्टा फोर्स।
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🧠 मास्टरमाइंड: कर्नल चार्ल्स ब्लैकविथ –
इस मिशन की कमान संभाली कर्नल चार्ल्स ब्लैकविथ ने – डेल्टा फोर्स के संस्थापक और एक ऐसा नाम जो अमेरिकी कमांडो समुदाय में आज भी श्रद्धा से लिया जाता है।
उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से एक सधा हुआ वादा किया:
“मेरे लड़के हर दुश्मन को दो बार गोली मारेंगे—सीधा माथे के बीचोंबीच। हम अपने लोगों को वापस लाएंगे।”
उनका आत्मविश्वास गगनचुंबी था, पर किस्मत ने साथ नहीं दिया।
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💥 मिशन की प्लानिंग: ‘परफेक्शन इन एक्सीक्यूशन’ की मिसाल
ऑपरेशन ईगल क्लॉ, किसी हॉलीवुड फिल्म जैसी प्लानिंग थी –
• डेल्टा फोर्स की ग्राउंड एंट्री
• C-130 हर्क्यूलिस एयरक्राफ्ट द्वारा लॉजिस्टिक्स
• ईरान के रेगिस्तान में सीक्रेट लैंडिंग
• और बंधकों को सुरक्षित निकालना
लेकिन इस फिल्म में क्लाइमैक्स बेहद डरावना था।
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🌪️ तबाही की शुरुआत: जब धूल का गुबार बना दुश्मन
मिशन रात के अंधेरे में शुरू किया गया। लेकिन अमेरिकी एयरफोर्स और डेल्टा फोर्स के बीच तालमेल की भारी कमी थी।
रेगिस्तान में हेलीकाॅप्टर की रोटर ब्लेड से उठी धूल ने विजिबिलिटी खत्म कर दी। नतीजा – एक हेलिकॉप्टर सीधा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से टकरा गया।
08 अमेरिकी सैनिक मारे गए,
C-130 और हेलिकॉप्टर बर्बाद हो गए,
और मिशन तुरंत Abort करना पड़ा।
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😔 नतीजा: शर्मिंदगी, बर्खास्तगी और एक अधूरा सपना
ऑपरेशन फेल होने का सबसे बड़ा झटका कर्नल ब्लैकविथ को लगा। उन्हें बलि का बकरा बना दिया गया और फौज छोड़नी पड़ी।
बंधक तो छुड़ाए नहीं जा सके, उल्टा अमेरिका की दुनिया भर में किरकिरी हुई।
कुछ साल बाद राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के प्रशासन ने शांतिपूर्ण डिप्लोमैसी से बंधकों को छुड़वाया। लेकिन ब्लैकविथ के लिए यह सिर्फ एक सांत्वना भर रह गई।
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⚔️ “Midnight Hammer” – क्या था ये और क्यूँ जुड़ा है ईगल क्लॉ से?
हाल ही में अमेरिका द्वारा चलाया गया ऑपरेशन “Midnight Hammer”, जो शायद ईरान को चेतावनी देने के लिए था, उस असफल ऑपरेशन की याद दिला गया।
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सफलता, एक तरह से कर्नल ब्लैकविथ के अधूरे मिशन को श्रद्धांजलि थी।
जहाँ Operation Eagle Claw नाकाम रहा, वहाँ Midnight Hammer ने अमेरिका की सैन्य ताकत की फिर से धाक जमाई।
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🧭 निष्कर्ष: इतिहास से सबक, भविष्य की रणनीति
ऑपरेशन ईगल क्लॉ एक असफल मिशन था, लेकिन इससे मिली सीखों ने अमेरिकी स्पेशल ऑपरेशन्स को और ज्यादा मजबूत बनाया।
आज अगर अमेरिका की स्पेशल फोर्सेज दुनिया की सबसे घातक ताकतों में गिनी जाती हैं, तो उसमें इस नाकामी की भी बड़ी भूमिका है।
कभी–कभी, असफलता ही सबसे बड़ी प्रेरणा बनती है।
और कर्नल ब्लैकविथ जैसे योद्धा, भले ही मैदान छोड़ गए हों, उनकी सोच और साहस आज भी फौज की नसों में दौड़ता है।
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SHHARE TRUTH – जहां इतिहास बोलता है, सच की जुबान में।