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18 अप्रैल 2025 की सुबह, पहलगाम की शांत, सुंदर वादियाँ अचानक चीखों और गोलियों की गूंज से हिल उठीं। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों को केवल उनके धर्म के आधार पर चुन-चुनकर मौत के घाट उतार दिया। यह हमला केवल एक घटना नहीं थी, यह मानवता के चेहरे पर एक करारा तमाचा था। पूरा देश दहला, संसद से लेकर सोशल मीडिया तक एक ही स्वर गूंजा—“इंसाफ चाहिए!”
देश की जनता ने आतंकियों को सख्त सजा देने की मांग उठाई, और देश की खुफिया एजेंसियों ने हर सूचना तंत्र को सक्रिय कर दिया। लेकिन इस बार दुश्मन कुछ अलग था। एक ऐसा दुश्मन जो तकनीक में बहुत आगे निकल चुका था।
WY SMS: वो चीनी तकनीक जिसने 96 दिनों तक बना दिया आतंकियों को अदृश्य
हमले के बाद 96 दिनों तक कोई सुराग नहीं मिला। कोई कॉल ट्रेस नहीं हुई, कोई GPS पिंग नहीं मिला, और ना ही कोई गुप्तचर नेटवर्क किसी ठोस सूचना के साथ आगे आया।
राज़ था एक अदृश्य हथियार WY SMS नामक चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम, जिसे साल 2016 से घाटी में सक्रिय आतंकवादी उपयोग कर रहे थे।
यह सिस्टम क्या करता था?
WY SMS बिना इंटरनेट या सैटेलाइट के भी मजबूत एन्क्रिप्टेड रेडियो सिग्नल भेज सकता था, और पहाड़ियों में भी इसका कनेक्शन बरकरार रहता था। इसीलिए भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां बार-बार आतंकियों की पकड़ से चूक रही थीं। पर यह घमंड ज़्यादा दिन नहीं टिका।
ऑपरेशन महादेव: जब तकनीक ने ही खोद दी आतंकियों की कब्र
28 जुलाई 2025 की सुबह, कश्मीर के माउंट महादेव इलाके में एक अदृश्य हलचल थी। भारतीय सेना, राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष दस्ते इस पहाड़ी की ओर बढ़ रहे थे।
क्यों?
क्योंकि पहली बार उस WY SMS सिस्टम के रेडियो सिग्नल की एन्क्रिप्टेड फ्रीक्वेंसी को भारतीय साइबर इंटेलिजेंस ने डीकोड कर लिया था।
घेराबंदी और मुठभेड़
सेना ने 15 मिनट के भीतर पूरा इलाका सील कर दिया। मुठभेड़ 6 घंटे तक चली। एक-एक गोली में बदले की भावना थी, और हर सैनिक की आंखों में 26 निर्दोषों के लिए आंसू और आक्रोश।
अंततः क्या हुआ?
• हाशिम मूसा – पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड मार गिराया गया।
• 7 अन्य आतंकियों को भी मार गिराया गया।
• भारी मात्रा में हथियार, AK-47, ग्रेनेड, IED और वही गोला-बारूद बरामद हुआ जो 18 अप्रैल के हमले में इस्तेमाल हुआ था।
एक सीख: तकनीक से ऊपर है इंसानी संकल्प
ये आतंकवादी सोचते थे कि WY SMS जैसी तकनीक उन्हें अभेद्य बना देगी। लेकिन वे भूल गए कि भारत अब 90 के दशक वाला भारत नहीं है। यह नया भारत है, जहां सेना सिर्फ बंदूक नहीं, AI, साइबर इंटेलिजेंस और एनालिटिकल डाटा से भी लड़ती है।
WY SMS की सुरक्षा को तोड़कर भारतीय एजेंसियों ने यह साबित कर दिया कि – “कोई भी तकनीक, इंसान की जिद, इरादे और न्याय की भावना से बड़ी नहीं होती।”
ऑपरेशन महादेव: एक प्रेरणा, एक संदेश
यह कहानी केवल एक सैन्य सफलता की नहीं, बल्कि एक राष्ट्र की तकनीकी श्रेष्ठता, न्यायप्रियता और अडिग आत्मा की गाथा है।
• ऑपरेशन महादेव ने दिखाया कि भारतीय सेना सिर्फ गोली चलाना ही नहीं जानती, बल्कि तकनीकी क्रांति में भी दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑपरेशन चला सकती है।
• WY SMS को डिकोड करके भारत ने यह भी दिखाया कि अब खुफिया युद्ध के मैदान में भी हम पीछे नहीं हैं।
निष्कर्ष: जब न्याय बोलता है, तो गूंजता है
18 अप्रैल को जब इंसानियत रो रही थी, तब 28 जुलाई को न्याय ने अपना स्वर उठाया। भारत ने ना केवल आतंकियों को मार गिराया, बल्कि उनकी तकनीकी ढाल को भी तोड़ दिया।
ऑपरेशन महादेव हर भारतीय को यह भरोसा देता है कि—
“कितनी भी गहरी साजिश क्यों न हो, सच्चाई की आंखें उसे देख लेती हैं, और न्याय का हाथ उसे मिटा देता है।”